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विशेषण की परिभाषा ( Visheshan Ki Paribhasha ), भेद, और उदाहरण सहित विस्तार पूर्वक इस लेख में अध्ययन करेंगे। विशेषण व्याकरण का एक अभिन्न अंग है। संज्ञा और सर्वनाम के बाद विशेषण का अध्ययन व्याकरण में किया जाता है क्योंकि संज्ञा के अंतर्गत नाम की प्रधानता होती है।. हिन्दी व्याकरण में विशेषण ( Visheshan ) का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। यह वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने का कार्य करता है ... चलिए आज हम विशेषण की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं।. विशेषण का शाब्दिक अर्थ विशेषता बताना होता हैं।. विशेषण एक ऐसा शब्द हैं जो संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताता हैं तथा ऐसी शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं।. उदाहरण :- काला, सुन्दर, कायर, इत्यादि।. विशेषण के मुख्य पाँच प्रकार होते हैं।. 1. परिभाषा :- सरल शब्दों मे समझें कि किसी भी व्यक्ति,वस्तु क़ो उसकी विशेष बात से दर्शाना या उसकी विशेषता बताना विशेषण (Adjective) कहलाता है।. उदाहरण :- काला घोड़ा, हरा पैन, ईमानदार आदमी , दो लीटर दूध. स्पष्टीकरण– यहां काला, हरा, ईमानदार, दो लीटर विशेषण है जो संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे है।.