आचार्य धनंजय ने नाटक की परिभाषा इस प्रकार बताई है—अवस्था की अनुकृति नाटक है। यह परिभाषा सार्थक, व्यावहारिक और उपयोगी है। नाटक में अनुकरण तत्त्व की प्रधानता है। साहित्य की सभी विधाओं में ... Sangeet Natak Akademi - India's national academy of music, dance and drama - is the first national academy of the performing arts set up by the Republic of India. नाटक की गिनती काव्यों में है। काव्य दो प्रकार के माने गये हैं— श्रव्य काव्य और दृश्य काव्य। इसी दृश्य काव्य का एक भेद नाटक माना गया है। परन्तु दृष्टि द्वारा मुख्य रूप से इसका ग्रहण होने के कारण सभी दृश्य काव्यों को ही ' नाटक ' कहने लगे हैं।. संग्राम : प्रेमचंद सृष्टि : प्रेमचंद कर्बला : प्रेमचंद प्रेम की वेदी : प्रेमचंद दुराशा (प्रहसन) न्याय (नाटक) : जाह्न गाल्सवर्दी - अनुवादक प्रेमचंद चाँदी की डिबिया (नाटक) : जाह्न गाल्सवर्दी ...