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384 ipc in hindi: IPC Section 385 in Hindi (Dhara
IPC Section 385 in Hindi (Dhara 385): आईपीसी की धारा 385 (ज़बरदस्ती वसूली के लिए किसी व्यक्ति को क्षति के भय में डालना।) से जुड़े, अपराध, दंड और जमानत के बारे में जानकारी प्राप्त करें, आईपीसी धारा 384 क्या है भारतीय दंड संहिता में विभिन्न अपराधों के लिए अलग अलग धाराओं में प्रावधान करके उनको परिभाषित किया गया है | आज हम भारतीय दंड संहिता की उस धारा के बारे में बात करेंगे जिसमे ... 384 IPC उद्दापन (extortion )के लिए दण्ड- जो कोई उद्दापन करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से , जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी , या जुर्माने से , या दोनों से , दण्डित किया जायेगा ।. अपराध संज्ञेय , अजमानतीय , समझोंता नहीं किया जा सकता ( अशमनीय है ), यह किसी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है ।. टिप्पणी. भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के अंतर्गत जो कोई उद्दापन (Extortion) करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।.
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